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बादलों की परी और खोया हुआ गाँव – Cloud Fairy and the Lost Village

परी कथाएँ

बादलों की परी और खोया हुआ गाँव

एक छोटे से पहाड़ी इलाके में रहने वाला एक बच्चा था जिसका नाम ईशान था। वह हर दिन आसमान की तरफ देखकर सोचता था कि बादल इतने करीब होते हुए भी क्यों छू नहीं पाते। उसे लगता था कि शायद बादलों के पीछे कोई राज छिपा है, कोई रहस्य जिसे सिर्फ बहादुर दिल वाले बच्चे ही जान पाते हैं। ईशान का मन हमेशा सवालों से भरा रहता था और वह प्रकृति की हर चीज को ध्यान से देखता था। उसकी जिज्ञासा ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। एक शाम जब सूरज ढल रहा था, आसमान का रंग हल्का सुहाना गुलाबी था। सारा गाँव शांत था, बस हवा की धीमी आवाजें आ रही थीं। ईशान अपने घर के पास बने ऊँचे पत्थर पर बैठकर आसमान देख रहा था कि अचानक उसे बादलों के बीच एक चमकती हुई हल्की सी आकृति दिखाई दी। पहले तो उसे लगा कि यह कोई भ्रम है, लेकिन जब वह आकृति धीरे-धीरे उसके पास आने लगी तो उसका दिल जोर से धड़कने लगा। वह कोई साधारण रोशनी नहीं थी, बल्कि एक उड़ती हुई परी थी। उसके पंख नरम सफेद धुएँ जैसे थे और जिस जगह वह हवा को छूती, वहाँ छोटे-छोटे चमकदार कण फैल जाते।

परी बहुत मधुर आवाज में बोली, “तुमने मुझे देखा है और अब तुम्हें सच जानने का अधिकार है। मैं बादलों की रक्षक परी हूँ।” ईशान हैरान था, पर उसके चेहरे पर डर नहीं, बस उत्सुकता थी। उसने पूछा, “क्या बादलों में सच में कुछ छिपा है?” परी ने सिर हिलाया और बोली, “हाँ, आसमान के बीच एक खोया हुआ गाँव है, जिसे सिर्फ वही देख सकता है जिसका दिल साफ और साहसी हो।”

ईशान का दिल खुश हो गया। बचपन से उसने कहानी सुनी थी कि कभी आकाश में एक सुंदर गाँव था जहाँ लोग बादलों पर चलते थे और उनकी हँसी हवा में घंटियों की तरह गूँजती थी। पर लोग कहते थे कि वह गाँव अब सिर्फ दंतकथा है। परी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बोली, “अगर तुम्हें सच जानना है तो मेरे साथ चलो।” ईशान ने बिना हिचक उसके हाथ को छू लिया। जैसे ही उसने हाथ पकड़ा, जमीन उसके पैरों से दूर होने लगी। हवा उसके कानों से टकराई और उसे लगा जैसे वह उड़ रहा हो। कुछ ही पलों में दोनों घने बादलों के बीच पहुँच गए। आसपास सिर्फ सफेद धुंध और चमकदार प्रकाश था, जैसे किसी सपने का संसार हो।

ईशान चौंककर बोला, “मैं? लेकिन मैं तो बस एक साधारण बच्चा हूँ।” परी ने उसका हाथ पकड़कर कहा, “साधारण वही होते हैं जिनके अंदर असाधारण दिल छिपा होता है। तुम्हारे भीतर साहस, नेकी और सीखने का सच्चा मन है। यही गुण इस गाँव को जीवित कर सकते हैं।” परी ने उसे गाँव के बीच बने एक बड़े सफेद पत्थर के पास ले जाकर कहा, “अगर यह पत्थर तुम्हारी नीयत को पहचान लेगा तो यह चमक उठेगा और तुम गाँव के नए रक्षक बन जाओगे।” ईशान ने गहरी सांस ली और अपने दोनों हाथ पत्थर पर रख दिए। कुछ पल कुछ नहीं हुआ। फिर अचानक पत्थर से नरम रोशनी निकलने लगी, पहले हल्की फिर तेज। परी की आँखों में चमक आ गई। “तुम ही हो इस गाँव की नई आशा,” वह बोली।

समय के साथ ईशान अपने गाँव के बच्चों की मदद करने लगा, उन्हें सही रास्ते दिखाने लगा, झगड़े शांत कराता, घायल जानवरों को बचाता और हर उस जगह जाता जहाँ डर या दुख होता। जब भी वह किसी सही फैसला लेने में हिचकता, उसकी हथेली का चिन्ह हल्का चमक उठता। गाँव के लोगों ने जल्द ही महसूस कर लिया कि ईशान में कुछ अनोखा है। वे कहते थे कि उसके आसपास हमेशा एक शांत सी हवा रहती है, जैसे कोई बादलों की परी उसका साथ दे रही हो।

एक रात जब आसमान साफ था, ईशान ने देखा कि ऊपर बादलों में एक चमकीली आकृति उसकी तरफ हाथ हिला रही है। वह समझ गया। वह परी थी, जो उसे बताती थी कि वह अकेला नहीं है। ईशान मुस्कुराया और बोला, “मैं इस गाँव को निराश नहीं करूँगा।”

शिक्षा: दिल की नेकी और हिम्मत हर छुपे हुए संसार को रोशन कर सकती है।

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