चाँद की रानी और काला बादल
रात का आसमान हमेशा से चाँद की नरम रोशनी से भरा रहता था। धरती पर रहने वाले लोग उसी चमक से अपने रास्ते पहचानते, बच्चे उसी के नीचे खेलते और समुद्र उसी हल्की रोशनी में शांत होकर लहरें फैलाता था। चाँद पर एक रानी रहती थी जिसे सब चाँद की रानी कहते थे। उसकी रोशनी कोमल थी और आवाज शांति देती थी। वह चाहती थी कि किसी भी रात दुनिया अंधेरे में न डूबे। उसके आस-पास परी योद्धाएँ रहती थीं, जो चाँद की रक्षा करती थीं। उनके पंख सितारों जैसे चमकदार और दिल बहादुर था।
लेकिन आसमान के एक कोने में एक काला बादल कई दिनों से घूम रहा था। उसका रूप बाकी बादलों से अलग था। वह भारी, अजीब और बेचैन लगता था। उसका सबसे बड़ा दुःख यह था कि किसी को उसकी जरूरत नहीं लगती थी। लोग उसे देखकर डरते थे और कह देते थे कि वह रात खराब कर देता है। इस बात से वह खुद को कम समझने लगा और उसके अंदर जलन भर गई। एक रात उसने तय किया कि अगर कोई उसे पसंद नहीं करता, तो वह आसमान की सबसे प्यारी चीज छीन लेगा।
उसी रात जब चाँद की रानी आसमान पर अपनी रोशनी फैला रही थी, काला बादल धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ा। रानी ने उसे देखा और मुस्कराकर पूछा कि क्या वह थका है और आराम करना चाहता है। मगर बादल उसकी दया को कमजोरी समझ बैठा। वह अचानक चाँद के सामने फैल गया और अपनी ठंडी हवा से चाँद की नरम रोशनी को खींच लिया। रानी चीख भी नहीं पाई, और उसकी चमक धीरे-धीरे बादल के अंदर कैद होने लगी। पूरी रात जैसे बुझ गई। धरती पर अंधेरा फैलने लगा, बच्चे डरने लगे, समुद्र उग्र हो गया और पक्षी रास्ता खो बैठे।
चाँद पर रहने वाली परी योद्धाएँ यह देखकर घबरा गईं। उनके लिए चाँद सिर्फ महल नहीं था, वह उनकी आत्मा जैसा था। उसकी रोशनी उनके पंखों को शक्ति देती थी। बिना रोशनी के वे कमजोर पड़ने लगीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी सबसे बहादुर परी जिसका नाम नीलिमा था, बोली कि उन्हें काले बादल का पीछा करना होगा और किसी भी तरह रानी की रोशनी वापस लानी होगी। बाकी परियाँ उसके साथ खड़ी हो गईं।
काला बादल अपनी जीत पर खुश होकर दूर आसमान में भाग रहा था। परी योद्धाओं ने अपनी आखिरी बची चमक को एक जादुई किरण में बदला और उसका पीछा किया। सफर आसान नहीं था। बादल रास्ते में तूफानी हवाएँ छोड़ता जा रहा था। हवा इतनी तेज थी कि परियाँ कई बार नीचे गिरते-गिरते बचीं। लेकिन नीलिमा ने अपनी टोली को हिम्मत दिलाई। उसने कहा कि रोशनी को बचाना जरूरी है क्योंकि उसके बिना दुनिया डर और उलझन में डूब जाएगी।
परियाँ आखिरकार उस जगह पहुँचीं जहाँ बादल ने रानी की रोशनी छुपाई थी। वहाँ चारों ओर धुंध फैली थी और हवा भारी थी। नीलिमा ने महसूस किया कि रानी की चमक धुंध के पीछे कहीं धड़क रही है। उसने बाकी परियों को इशारा किया और सबने मिलकर अपनी पंखों की कमी रोशनी को एक साथ जोड़ा। उनके पंखों से हल्की चमक निकली और वह मिलकर एक मजबूत किरण बन गई।
काला बादल चौंक गया। उसे उम्मीद नहीं थी कि परियाँ इतनी जल्दी आ जाएँगी। वह गुस्से में गर्जन करने लगा। उसने काले झोंके भेजे, लेकिन परियों ने अपने पंखों की रोशनी से उन्हें रोक दिया। नीलिमा सीधे बादल की तरफ बढ़ी। उसने शांत स्वर में कहा कि अगर बादल को अपना स्थान चाहिए, तो दुनिया में भी उसके लिए जगह है, लेकिन रोशनी छीनकर वह खुद को और अकेला कर लेगा।
बादल कुछ पल के लिए रुक गया। उसके अंदर गुस्सा था, मगर साथ में गहरा अकेलापन भी था। परियों की बात से उसकी कठोरता थोड़ी पिघली। उसने पूछा कि क्या लोग कभी उसे पसंद करेंगे। नीलिमा ने कहा कि अगर वह अपनी अच्छाई दिखाए, तो जरूर करेंगे। इस दुनिया में हर चीज की अपनी जगह है, बस इरादे साफ होने चाहिए।
बादल धीरे-धीरे शांत हुआ। उसने चाँद की रानी की रोशनी को वापस छोड़ा। रोशनी बाहर आती ही आसमान में फैल गई। चाँद फिर से चमक उठा और धरती पर उजाला लौट आया। बच्चे शांत हुए, समुद्र ठहर गया और पक्षियों को फिर रास्ता मिल गया।
चाँद की रानी जागी और उसने परियों का धन्यवाद किया। उसने काले बादल को भी प्यार से देखा और कहा कि उसके भीतर की अंधेरी हवा तभी खत्म होगी जब वह अपने मन को साफ रखे। बादल ने सिर झुका लिया और वादा किया कि वह अब रातों को डरावना नहीं बनेगा। वह बाद में हल्के बादलों के बीच जाकर छाया देता, बारिश करता और आसमान को संतुलन देता।
परियाँ वापस महल लौटीं और चाँद की रानी ने कहा कि उनका साहस चाँद की सबसे सुंदर चमक है। उस दिन से परी योद्धाओं की बहादुरी की कहानियाँ आसमान के हर कोने में सुनाई देती थीं। और जब भी कोई रात थोड़ी अंधेरी हो जाती, बच्चे जानते थे कि परियाँ अपनी रोशनी लेकर उनकी रक्षा कर रही हैं।
शिक्षा: अच्छाई और हिम्मत मिलकर हर अंधेर को हटा सकती हैं।