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खतरे की सही पहचान - Signs of Danger

खतरे की सही पहचान – Signs of Danger

खतरे की सही पहचान एक समय की बात है। एक विशाल वृक्ष की शाखा पर बने घोंसले में चार छोटी-छोटी चिड़ियाँ अपनी माँ के साथ रहती थीं। चूजे अभी नन्हे थे और स्वयं उड़ नहीं सकते थे। माँ चिड़िया हर शाम उनके लिए दाने लाती और उन्हें खिलाती। पूरा दिन चूजे बस यही आस लगाए, […]

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Saint-Tyagaraja---संत-त्यागराज

संत त्यागराज – Saint Tyagaraja

संत त्यागराज की कथा संत त्यागराज का जन्म 4 मई 1767 को तमिलनाडु के तंजावुर के समीप तिरुवैय्यारु में एक सरल और धर्मनिष्ठ तेलुगु स्मार्त ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनका कुल प्राचीन समय में आंध्र प्रदेश से तमिलनाडु आकर बस गया था। उनके पिता राम ब्रह्मम और माता सीतम्मा अत्यन्त श्रद्धालु थे, और घर में […]

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विक्रम-और-बेताल-Vikram-and-Betal

विक्रम और बेताल: झूठी शान का अंत भाग सत्रह

विक्रम और बेताल: झूठी शान का अंत रात का अंधेरा गहरा था। श्मशान भूमि पर हल्की धुंध का घेरा फैला हुआ था, और पेड़ों की सूखी शाखाएँ हवा में टकराकर डरावनी ध्वनि पैदा कर रही थीं। चारों ओर गूंजती फुसफुसाहटें और हवा में उड़ते पत्तों की सरसराहट वातावरण को और भी भयानक बना रही थी। […]

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जादुई-बांसुरी-की-रात-Magical-Night-of-the-Enchanted-Flute

जादुई बांसुरी की रात – Magical Night of the Enchanted Flute

जादुई बांसुरी की रात पहाड़ियों के पास बसे एक शांत से गाँव में लखन नाम का एक छोटा चरवाहा रहता था। वह भोर होते ही अपनी भेड़ों को लेकर चराई पर निकल जाता और शाम ढलते ही घर लौट आता। लखन की सबसे खास बात उसका साफ दिल था। वह किसी को दुखी नहीं देख […]

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Baalkand ki Paavan Katha – 3

बालकांड की पावन कथा – 3

बालकांड की पावन कथा और अयोध्या का स्वर्णिम वर्णन  अयोध्या नगरी कोशल राज्य की राजधानी थी। यह पवित्र सरयू नदी के तट पर बसी एक अनुपम नगरी थी। मनु ने इसे अत्यंत सुंदर रूप में बसाया था। नगर का सौंदर्य देवताओं की राजधानी अमरावती के समान दिखाई देता था। चारों ओर पुष्पों की सुगंध फैलती […]

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kishkindha-kanda-ki-pavan-katha-6

किष्किन्धा काण्ड की पावन कथा – 6

किष्किन्धा काण्ड की पावन कथा और राम-सुग्रीव भेंट व हनुमान की कूटनीति ऋष्यमूक पर्वत के शिखर पर सुग्रीव अपने चार मित्रों के साथ बैठा था। उसकी दृष्टि पर्वत के चारों दिशाओं को सतर्कता से छान रही थी। वह अपने बड़े भाई बाली और उसके अनुचरों से अत्यंत भयभीत था। तभी उसने दो तरुण पुरुषों को […]

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लोमड़ी-और-तीन-बकरियाँ---The-Fox-and-the-Three-Goats

लोमड़ी और तीन बकरियाँ – The Fox and the Three Goats

लोमड़ी और तीन बकरियाँ घने जंगल के पास एक खुला मैदान था जहाँ हर दिन तीन बकरियाँ घास खाने आया करती थीं। उनका नाम रुही, गुड़िया और बुलबुल था। तीनों अलग-अलग स्वभाव की थीं, लेकिन उनका इलाका एक ही था। वे आपस में बातें जरूर करती थीं, पर ज्यादातर समय अपनी-अपनी जगह घास खाती रहती […]

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लोमड़ी-और-अंगूर-की-बेल-–-The-Fox-and-the-Grapevine

लोमड़ी और अंगूर की बेल – The Fox and the Grapevine

लोमड़ी और अंगूर की बेल  घने जंगल के बीचोंबीच एक शांत खुली जगह थी, जहाँ सूरज की रोशनी इतनी सुंदर तरीके से गिरती थी कि वह जगह हमेशा गर्म और सुखद महसूस होती थी। वहाँ एक पुरानी लकड़ी की बाड़ के सहारे एक लंबी अंगूर की बेल फैली हुई थी। बेल इतनी ऊपर चढ़ चुकी […]

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उड़ती-हुई-किताब-–-The-Flying-Book

उड़ती हुई किताब – The Flying Book

उड़ती हुई किताब  एक शांत दोपहर थी जब नील अपने कमरे में बैठा था। बारिश अभी-अभी थमी थी और खिड़की के पास रखी पुरानी लकड़ी की मेज पर एक बड़ी, धूल भरी किताब पड़ी थी। यह किताब नील को अटारी में मिली थी और उस पर किसी भी तरह का नाम या लेखक नहीं लिखा […]

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कछुआ-और-दो-लोभी-मछलियाँ---The-Turtle-and-the-Two-Greedy-Fish

कछुआ और दो लोभी मछलियाँ – The Turtle and the Two Greedy Fish

कछुआ और दो लोभी मछलियाँ एक शांत तालाब में एक बूढ़ा कछुआ रहता था। तालाब बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन उसमें इतने पेड़ पौधे और ठंडी मिट्टी थी कि हर दिन नया और ताज़ा लगता था। उसी तालाब में दो मछलियाँ भी रहती थीं। दोनों तेज, चमकीली और हमेशा घूमने भागने वाली थीं। पर उनकी […]

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