चाँदी-की-परी-और-खोया-हुआ-तारा---Silver-Fairy-and-the-Lost-Star

चाँदी की परी और खोया हुआ तारा – Silver Fairy and the Lost Star

परी कथाएँ

चाँदी की परी और खोया हुआ तारा

एक शांत रात थी और आसमान में हल्की चमक फैली हुई थी। बादलों के पीछे छिपे हुए छोटे छोटे तारे जैसे किसी पुकार का इंतजार कर रहे थे। इन्हीं तारों के बीच चाँदी की परी रहती थी। वह हर रात आसमान में उड़ती थी और अपनी छोटी सी तारा-छड़ी से दुनिया को हल्की रोशनी भेजती थी। वही रोशनी बच्चों के कमरों की खिड़कियों से होकर गुजरती थी और उन्हें मीठे सपनों का रास्ता दिखाती थी। चाँदी की परी के पास एक तारा था जो उसके लिए सबसे खास था। वह तारा उसकी पहचान था और उस तारे में ऐसी चमक थी जो बाकी तारों में नहीं मिलती थी।

यही तारा उसे धरती के बच्चों के सपनों को समझने में मदद करता था। लेकिन एक रात जब वह बादलों के बीच से गुजर रही थी, अचानक तेज हवा का झोंका आया और वह तारा उसके हाथ से छूटकर कहीं दूर गिर गया। उसने तुरंत अपने पंख फैलाए और उसे पकड़ने की कोशिश की, पर हवा इतनी तेज थी कि तारा नीचे धरती की तरफ चला गया। उसे यह बात समझते ही दिल में एक हल्की सी चिंता होने लगी, क्योंकि बिना अपने तारे के वह बच्चों की भावनाएं नहीं पढ़ सकती थी। वह इधर उधर उड़ती रही, बादलों के बीच खोजती रही, पर उसका खास तारा कहीं दिखाई नहीं दिया। वह धरती की ओर बढ़ी और पेड़ों के ऊपर उड़कर हर जगह रोशनी बिखेरती हुई उसे खोजने लगी।

दूसरी तरफ जमीन पर एक छोटा बच्चा रात में बाहर निकला था। वह आंगन में बैठकर आसमान देखना पसंद करता था। आज उसकी नजर कुछ अलग चीज पर पड़ी। घास पर एक छोटी सी चमक टिमटिमा रही थी। उसने पास जाकर देखा तो उसे एक छोटा चमकता हुआ तारा मिला। उसे समझ नहीं आया कि यह क्या है, पर वह इतना सुंदर था कि उसने उसे अपनी हथेली में संभालकर रख लिया। उतने में चाँदी की परी नीचे उतरी। वह बहुत थकी हुई लग रही थी, पर उसकी आँखों में उम्मीद थी। उसने बच्चे को देखा और उसके हाथ में चमकता तारा भी। वह हल्की सी मुस्कान के साथ उसके पास आई और बोली कि यह वही तारा है जिसे वह ढूंढ रही थी। बच्चे ने तारे को धीरे से उसकी हथेली पर रख दिया। यह देखकर परी की आँखों में चमक लौट आई। तारा जैसे ही उसके हाथ में आया, वह फिर से रोशनी से भर उठा।

परी को लगा जैसे उसकी ताकत वापस लौट आई हो, और उसे बच्चों के सपनों का रास्ता फिर से साफ दिखाई देने लगा। परी ने बच्चे की ओर देखा और खुश होकर कहा कि उसकी मदद के बदले वह एक मनोकामना पूरी करेगी। बच्चा थोड़ा सोचकर बोला कि वह कोई बड़ी चीज नहीं चाहता, बस चाहता है कि उसके घर में हमेशा प्यार और खुशी बनी रहे। परी ने तारा उठाकर बच्चे के सिर के ऊपर हल्का सा घुमाया और बोली कि उसकी यह मनोकामना हमेशा पूरी रहेगी। फिर वह आसमान की ओर उड़ी और बादलों में गायब हो गई, लेकिन बच्चे को लगा कि जैसे उसके आंगन में अब थोड़ी और चमक है। उस रात से आसमान की रोशनी कुछ ज्यादा मीठी लगने लगी और चाँदी की परी को भी अपना तारा वापस मिल गया। वह हर रात बच्चों के सपनों की देखभाल करने लगी और उसे उस बच्चे की सरलता और उसकी सच्ची इच्छा हमेशा याद रही।

शिक्षा: मदद करने से हमेशा खुशियाँ वापस मिलती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *