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सितारा बुनने वाली परी – Star-Weaving Fairy

परी कथाएँ

सितारा बुनने वाली परी

रात का आसमान जितना शांत दिखता था, उसके पीछे उतनी ही हलचल चलती थी। बादलों के ऊपर, जहाँ हवा भी फुसफुसाकर चलती थी, एक छोटी सी चांदी जैसी झोपड़ी थी। इस झोपड़ी में रहती थी एक परी जिसे सब सितारा बुनने वाली परी कहते थे। उसके हाथों में एक हल्की चमक वाला करघा था, और हर शाम वह आसमान में नए सितारे बुनती थी। वह धैर्य के साथ चांद की रोशनी, नीले आसमान की चमक और सुबह की ओस की हल्की दमक को मिलाकर एक चमकीला धागा तैयार करती और फिर उसे बुनकर नया सितारा बनाती। उसके बनाये सितारे आकाश को सुंदर और शांत बनाते थे। लोग नहीं जानते थे कि आसमान इतना जगमग क्यों है, लेकिन यह परी अपना काम बिना किसी प्रशंसा की चाह के करती रहती थी।

परी बहुत मेहनती थी। हर रात वह नए पैटर्न सोचती, नए रंगों की चमक मिलाती और फिर उन्हें आसमान में जड़ देती। उसके हाथों का जादू ऐसा था कि हर सितारा अलग खूबसूरती लिए आसमान में चमकता था। लेकिन कभी-कभी उसे अकेलापन महसूस होता था। आसमान बड़ा था, और उसकी दुनिया में कोई दोस्त नहीं था। बस वह, उसका करघा और उन सितारों की चुप रोशनी। फिर भी वह खुशी से काम करती क्योंकि उसे लगता था कि उसके सितारे किसी न किसी के जीवन में थोड़ा उजाला जरूर लाते होंगे।

एक दिन धरती के नीचे एक छोटे से कस्बे में एक बच्चा अपने जन्मदिन की तैयारी कर रहा था। उसका नाम जय था। उसकी आँखों में जिज्ञासा और दिल में बहुत सी छोटी इच्छाएँ थीं। वह धूमधाम वाला केक, बड़े उपहार या बहुत सी चमकीली चीजें नहीं चाहता था। उसकी बस एक इच्छा थी। वह चाहता था कि इस जन्मदिन की रात उसके लिए आसमान में एक ऐसा सितारा चमके जो किसी और जैसा न हो। वह हमेशा आसमान को ताकता रहता था और सोचता कि क्या सितारे भी किसी के लिए खास बन सकते हैं।

उस रात जय ने अपनी माँ से कहा कि वह अपनी जन्मदिन की इच्छा सितारों के साथ साझा करना चाहता है। वह छत पर गया और लंबे समय तक आसमान को देखता रहा। उसने आँखें बंद करके मन ही मन कहा कि काश आज एक ऐसा सितारा चमके जो बिल्कुल नया हो, और उसे महसूस हो कि यह रात उसके लिए खास है। उसकी यह छोटी सी मासूम इच्छा हवा में घुलकर धीरे-धीरे ऊपर की ओर बहने लगी। हवा जितनी ऊपर उठती गई, उसकी आवाज उतनी हल्की लेकिन साफ होती गई। और आखिरकार वह आवाज परी की झोपड़ी तक पहुँच गई।

उसने अपना करघा साफ किया और चांदनी की सबसे उजली लकीर ली। फिर उसने सुबह के सूरज का हल्का सुनहरा स्पर्श उसमें मिलाया। इसके बाद उसने नीले शाम के आकाश से एक नरम सी चमक उधार ली। उसने इन सबको एक साथ बुनना शुरू किया। उसका करघा पहले से ज्यादा तेज चमक रहा था। उसके हाथ तेजी से धागों को खींच रहे थे, और उसकी आँखों में उत्साह था। उसे महसूस हुआ कि आज वह कुछ बहुत अनोखा बना रही है। धागे जब एक साथ जुड़े, तो उनमें एक खास रौशनी भर गई जो पहले किसी सितारे में नहीं थी। यह सितारा सिर्फ सुंदर नहीं था, उसके अंदर एक गर्माहट थी, जैसे वह मुस्कुरा रहा हो।

आसमान में वह सितारा रात भर चमकता रहा। उसकी हल्की चमक से पूरे कस्बे में एक शांत ऊर्जा फैल गई। लोग भी रात में बाहर निकलकर यह नया सितारा देखने लगे। उन्हें नहीं पता था कि यह कैसे आया, पर हर किसी को उससे एक अजीब सी सकारात्मकता महसूस हो रही थी। और परी अपनी झोपड़ी से यह सब देखकर मुस्कुरा रही थी। उसे लगा कि आज उसकी मेहनत का सबसे अच्छा फल मिला है।

इसके बाद से वह परी हर रात एक सितारा तो बनाती ही थी, लेकिन वह इस उम्मीद में भी रहती थी कि कहीं कोई और मासूम दिल कोई प्यारी सी इच्छा हवा में भेजे। उसे समझ आ गया था कि उसके सितारे सिर्फ आसमान का हिस्सा नहीं, लोगों की खुशियों का भी हिस्सा हैं।

शिक्षा: सच्चे दिल की इच्छा हमेशा अपना रास्ता ढूंढ ही लेती है।

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