शेर और चतुर खरगोश: The Clever Rabbit and the Lion
जंगल के हरे-भरे मैदानों में कई जानवर रहते थे। वहां बड़े-बड़े पेड़, रंग-बिरंगे फूल और चहचहाते पक्षी जंगल को जीवंत बनाते थे। लेकिन इसी जंगल में एक शेर था, जो बहुत ही क्रूर और भूखा था। वह रोज किसी न किसी जानवर का शिकार करता था। छोटे और कमजोर जानवर उससे बहुत डरते थे और दिन-रात अपने बिलों और पेड़ों की छाया में छिपकर रहते थे।
एक दिन, जंगल के जानवरों ने सोचा कि अब उन्हें इस समस्या का हल निकालना होगा। उन्होंने बड़ी सभा बुलाई। सभा में सभी जानवर इकट्ठा हुए—हिरण, हाथी, बंदर, लोमड़ी, मेंढक और कई छोटे जानवर। सभी का चेहरा डर और चिंता से भरा हुआ था।
सभा में सबसे छोटे लेकिन चतुर खरगोश ने कहा, “हम सब डरे हुए हैं, लेकिन डर से कोई समाधान नहीं निकलेगा। हमें सोच-समझकर कोई योजना बनानी होगी। हमें शेर को दिखाना होगा कि हमें डराने से कुछ नहीं मिलेगा।”
जानवरों ने खरगोश की बात मानी। उन्होंने तय किया कि खरगोश शेर के पास जाएगा क्योंकि वह सबसे तेज और चालाक था। खरगोश ने धीरे-धीरे योजना बनाई। उसने सोचा कि शेर को डराने का सबसे अच्छा तरीका उसे उसकी ही ताकत का भ्रम दिखाना होगा।
अगले दिन, खरगोश ने धीरे-धीरे शेर के पास जाने का निश्चय किया। रास्ते में उसने देखा कि शेर अपनी गर्जना के साथ अपने शिकार की तलाश कर रहा है। खरगोश ने शेर की आँखों में साहस के बिना डर की चमक देखी, लेकिन उसने डरने की बजाय अपने दिमाग का इस्तेमाल किया।
खरगोश ने शेर के पास पहुंचकर कहा, “ओ महान शेर राजा, मैंने सुना है कि जंगल में एक और शेर आया है। वह बहुत बड़ा और ताकतवर है। वह तुम्हारे स्थान को लेने आया है।”
शेर ने गुस्से में गरजते हुए कहा, “कहां है वह शेर? मुझे तुरंत दिखाओ।” खरगोश ने शेर को तालाब के पास ले जाकर कहा, “वह वहां खड़ा है, देखो।” शेर ने तालाब में झाँककर अपना प्रतिबिंब देखा।
शेर ने सोचा कि वह वही शक्तिशाली शेर है और उसने जोर-जोर से दहाड़ना शुरू किया। खरगोश ने शेर को धीरे-धीरे समझाया, “राजा शेर, यह तुम्हारा ही प्रतिबिंब है। तुम्हें अपने ही साहस और बुद्धिमानी से जंगल में सभी का सम्मान करना चाहिए।”
शेर ने खरगोश की बात सुनी और धीरे-धीरे समझ में आया कि उसे अपनी गलतियों को सुधारना होगा। उसने जंगल के सभी जानवरों से माफी मांगी और वादा किया कि अब से वह किसी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। शेर के बदलने के बाद, जंगल में कई नई घटनाएँ हुईं। शेर ने अपनी ताकत का इस्तेमाल जंगल के जानवरों की मदद करने में करना शुरू किया। एक दिन, जंगल में बड़ी आग लग गई। सभी जानवर डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। लेकिन शेर ने अपनी ताकत और बुद्धिमानी से आग पर काबू पाया और सभी जानवरों को सुरक्षित स्थान पर ले गया।
इस घटना के बाद सभी जानवरों ने शेर की तारीफ की। उन्होंने खरगोश को भी धन्यवाद दिया, जिसने शेर को समझाने में मदद की थी। छोटे-छोटे जानवर भी समझ गए कि डर से कुछ नहीं होगा, लेकिन बुद्धिमानी और साहस से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।
समय बीतता गया और जंगल में शांति और मित्रता का माहौल बन गया। सभी जानवर शेर के साथ मिलकर रहते थे। शेर भी अब खुद को जंगल का रक्षक मानने लगा। वह जानता था कि अगर जंगल के जानवर खुश और सुरक्षित रहेंगे, तो जंगल भी हर समय हरा-भरा रहेगा।
इस कहानी से बच्चों को यह सीख मिलती है कि डर से भागने की बजाय बुद्धिमानी और साहस से समस्याओं का सामना करना चाहिए। साथ ही, यह भी सीख मिलती है कि गलती करने पर उसे सुधारना और माफी मांगना जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।