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छोटी परी का पहला मिशन | The Little Fairy’s First Mission

परी कथाएँ

छोटी परी का पहला मिशन

नीली रोशनी वाली एक शांत घाटी में परियों का स्कूल था जहाँ हर छोटी परी को रोशनी, सपनों और हिम्मत की कला सिखाई जाती थी। वहीं रहती थी मीरा नाम की एक छोटी परी। उसके पंख छोटे थे, उसकी चमक हल्की थी और वह बाकी परियों की तरह ताकतवर नहीं थी, लेकिन उसके अंदर एक बात बहुत खास थी। वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी।

परियों की रानी अक्सर कहती थी कि सबसे बड़ी ताकत पंखों में नहीं, दिल में होती है। मीरा यह बात सुनकर खुश हो जाती थी। आज उसके लिए एक बड़ा दिन था, क्योंकि आज उसे अपना पहला मिशन मिलने वाला था।

रानी ने मीरा को बुलाकर कहा, “आज तुम्हें एक बच्चे के सपनों की रखवाली करनी है। उसका नाम नील है और उसे रात में डर लगता है। तुम्हें उसकी नींद को सुरक्षित रखना है।”

मीरा को यह जिम्मेदारी सुनकर घबराहट तो हुई, लेकिन उसने सिर हिलाकर कहा, “मैं कोशिश करूँगी।”

रात होते ही वह आसमान में उड़कर नील के घर पहुँची। कमरा शांत था। हल्की रोशनी खिड़की से अंदर आ रही थी। नील गहरी नींद में था, लेकिन वह बार-बार करवट बदल रहा था। मीरा ने हाथ फैलाकर कमरे में अपनी हल्की सपनों वाली रोशनी फैलाई जिससे माहौल शांत हो गया।

थोड़ी देर तक सब ठीक रहा, लेकिन अचानक कमरे में ठंडी हवा चली। मीरा के पंख कांपे। उसने मुड़कर देखा तो कमरे के कोने में अँधेरा एक जगह पर जमा होने लगा। धीरे-धीरे वह अँधेरा एक बड़े डरावने साए में बदल गया।

मीरा ने पहचान लिया कि यह डरावने सपनों का दानव था। स्कूल में सिखाया गया था कि यह दानव बच्चों को डराकर उनके सपनों को तोड़ देता है।

लेकिन मीरा के लिए यह उसकी पहली असली परीक्षा थी।

दानव ने गुर्राते हुए कहा, “मुझे बच्चे का डर चाहिए।”

मीरा ने नील की तरफ देखा। वह बेचैनी में था, लेकिन अभी भी सो रहा था।

मीरा ने हिम्मत करके कहा, “तुम्हें यहाँ आने का हक नहीं है। यह बच्चा सुरक्षित है।”

दानव हँसा, “तुम सोचती हो मैं बच्चे को डराने आया हूँ? नहीं छोटी परी, मेरा असली निशाना तुम जैसी परियाँ हैं। मुझे तुम्हारी रोशनी चाहिए। जितनी ज्यादा रोशनी, उतनी ज्यादा मेरी ताकत।”

यह सुनकर मीरा समझ गयी कि असली खतरा नील के सपने नहीं, बल्कि सारी परियाँ हो सकती थीं। अगर दानव उसकी रोशनी ले लेता तो वह कभी किसी बच्चे की रक्षा नहीं कर पाती।

दानव धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा। मीरा पीछे हटी, पर वह भागने वाली नहीं थी। उसे अपने प्रशिक्षण की बातें याद आयीं कि रोशनी ताकत तभी बनती है जब डर पर काबू हो।

उसने अपने पंख फैलाए और अपनी छोटी सी चमक को जितना हो सके उतना तेज किया। दानव जोर से गरजा, “तुम मुझे रोक नहीं सकती।”

मीरा जानती थी कि अकेले उससे लड़ना मुश्किल है, इसलिए उसने नील के सपनों की ऊर्जा को बुलाने का फैसला किया।

वह नील के माथे के ऊपर उड़कर गयी और फुसफुसाई, “नील, तुम्हारे सपनों में बहुत ताकत है, मुझे थोड़ी हिम्मत दो।”

जैसे ही उसने कहा, नील के सपनों से हल्की सी रोशनी उठी, एक नरम लेकिन मजबूत चमक, जिसे सिर्फ परियाँ ही देख सकती थीं।

मीरा ने उस रोशनी को अपने दिल के पास लिया। उसका शरीर चमक से भर गया। अब उसकी ताकत पहले से कहीं ज्यादा थी।

वह दानव की तरफ उड़ी और तेज आवाज में बोली, “यह रोशनी तुम्हारे लिए नहीं है। इसे छू भी नहीं सकते।”

नील भी कभी नहीं जान पाया कि उसकी नींद को किसने सुरक्षित रखा, लेकिन उसके सपनों में अक्सर एक छोटी चमकदार परी दिखाई देती थी जिसकी वजह से वह हमेशा निडर महसूस करता था।

मीरा को अब हर रात किसी न किसी बच्चे की देखभाल के लिए भेजा जाता, और हर बार वह अपनी हिम्मत के साथ नई ताकत पाती।

उसका पहला मिशन कठिन था, लेकिन उसने यह समझ लिया कि हिम्मत से बड़ा कोई जादू नहीं होता।

शिक्षा: असली ताकत हमारे अंदर की हिम्मत से आती है।

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