नीले बादल का अनोखा सफर
नीला एक छोटा सा बादल था जो बाकी बादलों से थोड़ा अलग था क्योंकि उसका रंग हल्का आसमानी नहीं बल्कि बिल्कुल साफ नीला था जैसे किसी ने रंग भर दिया हो। बाकी बादल उसे देखकर हमेशा हंसते थे और कहते थे कि वह बहुत अजीब है, लेकिन नीला कभी बुरा नहीं मानता था क्योंकि उसे पता था कि उसमें कुछ खास है जो बाकी में नहीं। नीले को हमेशा से दूर तक उड़ने का शौक था। उसे नए शहर, नई जगहें और नए बच्चे देखना पसंद था लेकिन क्योंकि वह छोटा था इसलिए बड़े बादल उसे हमेशा साथ ले जाने से डरते थे। एक दिन जब सूरज की रोशनी पहाड़ों पर उतर रही थी और हवा हल्की सी चल रही थी, नीला चुपके से आसमान के किनारे पहुंचा और धीरे से नीचे की तरफ तैरने लगा।
उसका मन था कि वह एक ऐसा सफर करे जिसे कोई भी बादल अभी तक न कर पाया हो। जैसे ही वह नीचे आया, उसने एक हरे मैदान को देखा जहां बच्चे खेल रहे थे। वह इतना खुश हुआ कि वह उनके ऊपर ठहर गया और धीरे से रुई जैसी हल्की बूंदें गिराने लगा। बच्चे उस ठंडी फुहार को महसूस कर हंस पड़े। नीले ने पहली बार किसी को खुश किया था और उसे यह बात बेहद खास लगी। शाम होते-होते नीला और नीचे उतर आया और एक छोटी नदी के पास बैठ गया। पानी में उसने अपना नीला रंग साफ देखा तो उसे लगा कि वह दुनिया का सबसे अनोखा और खूबसूरत बादल है। तभी नदी के पास खेल रही एक छोटी लड़की मीरा ने ऊपर देखा और बोली, “माँ देखो, नीला बादल। कितना प्यारा है।” मीरा की ये बात सुनकर नीले का दिल पिघल गया। उसे पहली बार लगा कि उसका अलग होना बुरा नहीं बल्कि खूबसूरत है।
मीरा उसकी तरफ हाथ हिलाती रही और नीला भी हल्की फुहार गिराकर उसकी तरफ जवाब देता रहा। रात होने लगी और नीले के मन में सवाल उठा कि अब वह कहां जाएगा। तभी चांद ने मुस्कुराते हुए कहा, “छोटे बादल, अगर तुम चाहो तो रात का सफर मेरे साथ कर सकते हो। मैं तुम्हें पूरी दुनिया दिखाऊंगा।” नीला चौंक गया। चांद से बात करना उसके लिए किसी सपने जैसा था। उसने खुशी-खुशी हामी भर दी। चांद की नरम रोशनी उसके पास गिर रही थी और दोनों साथ-साथ आसमान में उड़ने लगे। नीचे शहर की लाइटें चमक रही थीं, समुद्र लहरा रहा था और पहाड़ अंधेरे में खड़े थे। नीले ने पहली बार इतने सुंदर नज़ारे देखे और वह हर पल को याद रखना चाहता था। सफर के दौरान चांद ने नीले से पूछा, “क्या तुम्हें पता है कि तुम इतने नीले क्यों हो?” नीला हंसा और बोला, “सब कहते हैं मैं अजीब हूं, पर असली कारण मुझे नहीं पता।”
चांद ने कहा, “तुम्हारा दिल साफ है। तुम वही बादल हो जो खुद रोशनी को अपने अंदर रखता है और उसे बाहर दिखाई देता है। तुम अलग इसलिए हो क्योंकि तुम दुनिया को अपनी खूबसूरती दिखाने से नहीं डरते।” नीला यह सुनकर शांत हो गया और उसका मन और भी मजबूत लगा। सफर के दौरान वे एक पहाड़ी गांव के ऊपर पहुंचे जहां सारे लोग सो रहे थे लेकिन एक छोटा सा बच्चा खिड़की से बाहर देख रहा था। उसके हाथ में एक छोटा सा नीला कागज था जिस पर उसने बादल बनाया था। नीले को लगा कि बच्चा उसे देखकर खुश होगा इसलिए वह धीरे से उसके घर के ऊपर आकर टिका रहा। बच्चे ने उसे देखा और मुस्कुरा दिया। उसकी मुस्कान में एक अलग ही चमक थी जैसे उसने अपनी कल्पना का बादल सच में पा लिया हो। रात बीतती गई और दोनों ने कई शहर देखे। एक जगह बच्चों ने उसे आसमान में देखते ही खुशी से उछलना शुरू कर दिया। किसी जगह उसका रंग देखकर लोग चकित रह गए। कुछ ने फोटो ली, कुछ ने उसे आसमान में चौकसी से देखा।
नीले को महसूस हुआ कि अलग दिखना कभी गलती नहीं। अलग दिखना एक तोहफा है जो किसी-किसी को मिलता है। सुबह होने लगी तो चांद विदा लेने लगा। उसने नीले से कहा, “अब तुम खुद उड़ सकते हो। तुमने जान लिया है कि तुम खास हो, अब दुनिया भी जान लेगी।” नीले ने चांद का शुक्रिया किया और धीरे-धीरे सूरज की रोशनी में ऊपर उठ गया। सूरज ने भी उसे देखकर कहा, “वाह नीला, तुम तो बहुत सुंदर लग रहे हो। आज आसमान में तुम ही सबसे चमक रहे हो।” नीले ने इतना गर्व पहले कभी नहीं महसूस किया था। अब वह सिर्फ आसमान का एक बादल नहीं था, बल्कि उन बच्चों के सपनों जैसा बादल था जिन्हें वह खुश कर गया था। धीरे-धीरे बाकी बादलों ने भी उसे देखना शुरू किया।
वे अब उसे अजीब नहीं कहते थे बल्कि कहते थे कि वह सबसे अनोखा है और सबसे प्यारा भी। नीले ने अब रोज नई जगहों पर जाना शुरू कर दिया। वह बच्चों की मुस्कान देखना चाहता था, चांद से बातें करना चाहता था और सूरज की रोशनी में चमकना चाहता था। वह हर रात एक नई कहानी बनाता और हर सुबह एक नया सफर शुरू करता। उसका यह सफर कभी खत्म नहीं हुआ क्योंकि अब उसका दिल आजाद था, मजबूत था और खुशियों से भरा था। एक दिन जब वह मीरा के गांव वापस पहुंचा, मीरा ने कहा, “देखो माँ, मेरा नीला बादल फिर आया।” नीला नीचे उतर आया और हल्की ठंडी हवा उसके करीब भेज दी। मीरा ने कहा, “तुम दुनिया के सबसे अच्छे बादल हो।”
नीला शर्म से मुस्कुरा दिया क्योंकि अब उसे पता था कि यह सच है। और उस दिन उसने महसूस किया कि दुनिया में सबसे सुंदर चीज है किसी के चेहरे पर खुशी लाना। उसके अनोखे सफर ने उसे यही सिखाया था कि अलग होना सबसे बड़ी खूबसूरती है और सच में खास वही होता है जो खुद को स्वीकार कर ले। और इस तरह नीला बादल आसमान का सबसे प्यारा और यादगार बादल बन गया, जो बच्चों के सपनों में आता और उन्हें हंसाकर सोने देता।
shiksha: असली खूबसूरती वही है जो हमें अलग बनाती है। खुद को अपनाना सबसे बड़ी ताकत है।